श्री हनुमान चालीसा-Hanuman Chalisa Lyrics In Hindi

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Hanuman Chalisa in Hindi


Album:
Shree Hanuman Chalisa - Hanuman Ashtak Singer: Hariharan Composer: Lalit Sen, Chander Author: Traditional (Tulsi Das)

Music Label : T-Series




श्री हनुमान चालीसा | Hanuman Chalisa Lyrics In Hindi 


दोहा

श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि 
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि

बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार
बल बुधि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार

चौपाई

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर 
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर

राम दूत अतुलित बल धामा
अंजनी-पुत्र पवनसुत नामा

महाबीर बिक्रम बजरंगी 
कुमति निवार सुमति के संगी

कंचन बरन बिराज सुबेसा
कानन कुण्डल कुंचित केसा

हाथ बज्र और ध्वजा बिराजै 
काँधे मूँज जनेऊ साजै

संकर सुवन केसरी नंदन 
तेज प्रताप महा जग बन्दन

बिद्यावान गुनी अति चातुर
राम काज करिबे को आतुर

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया
राम लखन सीता मन बसिया

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा
बिकट रूप धरि लंक जरावा

भीम रूप धरि असुर सँहारे
रामचन्द्र के काज सँवारे

लाय संजीवन लखन जियाये
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये

रघुपति किन्ही बहुत बड़ाई
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं

सनकादिक ब्रम्हादि मुनीसा
नारद सारद सहित अहीसा

जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते
कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा
राम मिलाय राज पद दीन्हा

तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना
लंकेस्वर भए सब जग जाना

जुग सहस्त्र जोजन पर भानु
लील्यो ताहि मधुर फल जानू 

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं
जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं

दुर्गम काज जगत के जेते
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते

राम दुआरे तुम रखवारे
होत न आज्ञा बिनु पैसारे

सब सुख लहै तुम्हारी सरना
तुम रच्छक काहू को डर ना

आपन तेज सम्हारो आपै
तीनों लोक हाँक तें काँपै

भूत पिसाच निकट नहिं आवै
महाबीर जब नाम सुनावै

नासै रोग हरै सब पीरा
जपत निरन्तर हनुमत बीरा

संकट तें हनुमान छुडावे
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै

सब पर राम तपस्वी राजा
तिन के काज सकल तुम साजा

और मनोरथ जो कोई लावै
सोई अमित जीवन फल पावै

चारो जुग परताप तुम्हारा
है परसिद्ध जगत उजियारा

साधु सन्त के तुम रखवारे
असुर निकन्दन राम दुलारे

अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता
अस बर दीन जानकी माता

राम रसायन तुम्हरे पासा
सदा रहो रघुपति के दासा

तुम्हरे भजन राम को पावै
जनम जनम के दुख बिसरावै

अन्त काल रघुबर पुर जाई
जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई

और देवता चित्त न धरई
हनुमत सेही सर्ब सुख करई

संकट कटै मिटै सब पीरा
जो सुमिरे हनुमत बलबीरा

जय जय जय हनुमान गोसाईं
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं

जो सत बार पाठ कर कोई
छूटहि बन्दि महा सुख होई

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा
होय सिद्धि साखी गौरीसा

तुलसीदास सदा हरि चेरा
कीजै नाथ हृदय मह डेरा

दोहा

पवनतनय संकट हरन मंगल मुर्ति रूप
राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप



यदि आप नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ पड़ते है तो आपके सारे कष्ट समाप्त हो जायेगे|
||जय श्री राम||
||जय श्री राम||
||जय श्री राम||
||जय श्री राम||
||जय श्री राम||